अगर मुझे यही प्यास रहती कि हर दिन एक नया नजारा देखता
अरसों बीत जाने पर भी यह प्यास न होती पूरी,
अगर यह नजारा न दीखता।
अगर हर दिन हममे आपसे यही लगीं न रहती,
अगर हर दिन आपसे हमे यही लगन न रहती
हम फिर भी यूं ही आपकी तरफ देखते
वरना कहा ये नजारा दीखता
कहा ये नजारा दीखता
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